हर शख्श पे दिल आए, ये जरूरी तो नहीं |
कुछ एक ही मिलते हैं, दिल से लगाने के लिए ||
समस्त मित्रों को हमारी और से गरमागरम गुझिया के साथ होली की बहुत-बहुत बधाई व ढेरों शुभकामनायें !!!......
होली में मन मचलते हैं हसरतें जाग जाती हैं
जगे मन में वही अरमां हवाएं मस्त गाती हैं
यहाँ सब लोग रंगों की खुमारी में मगन होकर
दिलों से दिल मिलाते है फिजायें गुनगुनाती हैं
सुहाने दिन वही बचपन आज फिर याद आता है
वही हाथों में पिचकारी लड़कपन दिल लुभाता है
जमाने भर की खुशियाँ थीं चमकती उन निगाहों में
वही वो प्यार बचपन का हमें नज़दीक लाता है
आज के दिन मेरे यारों कभी मायूस ना होना
सताए दर्द गर कोई कभी ग़मगीन ना होना
चले आना हमारे संग इन्हीं रंगीं फिजाओं में
दिलों को जोड़ते हैं हम खताएं माफ़ कर देना …….
तेरे दीदार को तरसे हैं हम .......
सूरत तो दिखाने आ जा.......|
कैसे मिलते तुझसे........
रंगों के बहाने आ जा .......
रंग प्यार के हम सब घोलें........
अपनेपन के हों गुब्बारें ......|
इन रंगों की तेज धार से........
बह जांय नफरत की दीवारें .....||
ऐसे रंगना हमें........
दुश्मन पे प्यार आ जाए.......|
भूलकर शिकवे सारे. ......
गले मिल लें बहार आ जाए.....||
--अम्बरीष श्रीवास्तव
भूलकर शिकवे सारे गले मिल लें बहार आ जाए
ReplyDeletehttp://hamararatlam.blogspot.com/2009/03/promise-holi-without-water.html
हमारी प्रतिज्ञाः बिना लकडी जलाये बिना पानी वाली होली खेलने की।
स्वागत है मित्र ! बहुत-बहुत आभार आपका !
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