कवि की रचना तथ्यपरक हो फूंके वो जन जन में प्राण...
Wednesday, August 31, 2011
ईद के दिन सभी मुस्कुराते रहें,
ईद के दिन सभी मुस्कुराते रहें, गीत खुशियों के सब मिल के गाते रहें, आओ कर लें दुआ दूसरों के लिए- फूल गुलशन में यूं ही खिलाते रहें.. --अम्बरीष श्रीवास्तव
बिलेटेड ईद मुबारक़
ReplyDeleteस्वागत है मित्र नवीन जी !
ReplyDeleteएक और अच्छी पोस्ट ! ख़ूबसूरत क़त्आ !
ReplyDeleteविगत हर पर्व त्यौंहार के साथ
आने वाले सभी मंगल-पर्वों के लिए
आपको शुभकामनाएं !
स्वागत है भाई राजेंद्र जी ! क़त्आ की तारीफ के लिए तहे दिल से शुक्रिया आपका ! :-)
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