Wednesday, August 31, 2011

ईद के दिन सभी मुस्कुराते रहें,

ईद के दिन सभी मुस्कुराते रहें,
गीत खुशियों के सब मिल के गाते रहें,
आओ कर लें दुआ दूसरों के लिए-
फूल गुलशन में यूं ही खिलाते रहें..
--
अम्बरीष श्रीवास्तव

4 comments:

  1. स्वागत है मित्र नवीन जी !

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  2. एक और अच्छी पोस्ट ! ख़ूबसूरत क़त्आ !

    विगत हर पर्व त्यौंहार के साथ
    आने वाले सभी मंगल-पर्वों के लिए
    आपको शुभकामनाएं !

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  3. स्वागत है भाई राजेंद्र जी ! क़त्आ की तारीफ के लिए तहे दिल से शुक्रिया आपका ! :-)

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