Sunday, March 14, 2010

सभी मित्रों को नवरात्रि पर्व की बधाई व शुभकामनायें !















या देवी सर्वभूतेषु माँ नवदुर्गारूपेण संस्थिता !
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: !!
















मातृ शक्ति सम नहि कोई, ना दूजा है संत |
माता के नौ रूप हैं, अनुपम, अजय अनंत ||


















शैलसुता की साधना, पूरित सब संकल्प |
दृढ़ता भरे विचार हों, करतीं कायाकल्प
||














ओजपूर्ण ब्रह्मचारिणी, तन मन करें निखार |
तेजस्वी सम ओज हो, देखे जग संसार ||














सारी भव बाधा
हरें, हम हों निर्भय वीर |
सौम्य विनम्र सदा रहें, चंद्रम्-घंटा तीर |

 













आदि स्वरूपा शक्ति हैं, कुष्मांडा विख्यात |
कमल पुष्प अमृत कलश, सब निधि देतीं तात |
















स्कन्द-मातु कात्यायिनी, महिमा अपरम्पार|
कालरात्रि सम ना कोई, माँ गौरी दें प्यार ||














नौवीं माँ सिद्दी दात्री, हर लेतीं सब क्लेश |
रिद्धि सिद्धि मिलती कृपा, रहें प्रसन्न गणेश ||















आत्मशक्ति बढ़ती रहे, माँ का मिले दुलार |
मातृ भक्ति ही चाहिए , नवरात्री उपहार ||













--इं० अम्बरीष श्रीवास्तव

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